खुशखबरी! सुप्रीम कोर्ट का आदेश, डीजल वाहन अब 5 साल और चलेंगे, जानें क्या हैं शर्तें

Diesel Vehicles validity update : डीजल वाहन चलाने वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल देश की शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट की ओर से डीजल वाहनों के पंजीकरण को लेकर बड़ा निर्देश जारी किया गया है.सुप्रीम कोर्ट ने डीजल वाहनों की लाइफ को 10 साल से बढ़ाकर 15 साल कर दिया है। यह फैसला पर्यावरणीय मानकों के अनुसार उचित शर्तों के साथ लागू होगा। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि इन वाहनों को चलाने के लिए नई तकनीक और प्रदूषण नियंत्रण उपायों का पालन करना अनिवार्य होगा।

मुख्य शर्तें:

  1. फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य:हर 5 साल में वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट नवीनीकरण कराना होगा।
  2. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट आवश्यक: वाहन मालिक को नियमित रूप से पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा।
  3. विशेष क्षेत्र प्रतिबंध: पुराने डीजल वाहन प्रदूषण-संवेदनशील क्षेत्रों (जैसे दिल्ली NCR) में चलने पर प्रतिबंधित रहेंगे।
  4. नई तकनीक अपनाना: यदि संभव हो तो वाहनों में BS6 इंजन के समान मॉडिफिकेशन करने की अनुमति दी जाएगी।

आदेश का प्रभाव:

  • वाहन मालिकों को आर्थिक राहत: डीजल वाहनों की उम्र 15 साल होने से उन्हें नए वाहन खरीदने की जल्दबाजी नहीं करनी पड़ेगी।
  • वाहन की उपयोगिता बढ़ेगी: पुराने डीजल वाहन अब 5 साल और सड़कों पर चल सकेंगे, जिससे उनकी उपयोगिता और निवेश की वसूली बढ़ेगी।
  • पर्यावरणीय नियमों का सख्त पालन: केवल फिटनेस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट वाले वाहन ही चल पाएंगे, जिससे प्रदूषण कम होगा।
  • शहरी क्षेत्रों में राहत सीमित: दिल्ली-NCR जैसे प्रदूषण-प्रभावित क्षेत्रों में पुराने डीजल वाहनों पर अभी भी प्रतिबंध रहेगा।
  • वाहन मॉडिफिकेशन का विकल्प: BS6 तकनीक के समान इंजन मॉडिफिकेशन से पुराने वाहन भी नए मानकों के करीब लाए जा सकते हैं।
  • औद्योगिक और व्यावसायिक उपयोग में सुधार: पुराने वाहन लंबे समय तक उपयोग में रहेंगे, जिससे उद्योग और व्यापार में लागत कम होगी।

डीजल वाहनों के पंजीकरण की अवधि बढ़ाने के कारण:

डीजल वाहनों की पंजीकरण अवधि बढ़ाने का फैसला वाहन मालिकों पर आर्थिक बोझ कम करने, उनकी उपयोगिता बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए लिया गया है। बेहतर प्रदूषण नियंत्रण तकनीकों और मॉडिफिकेशन के माध्यम से पुराने वाहनों का उपयोग जारी रखा जा सकता है। यह निर्णय वाहन उद्योग को स्थिरता देने, ग्रामीण और व्यावसायिक क्षेत्रों की जरूरतें पूरी करने और स्क्रैपिंग नीति को प्रभावी बनाने में मदद करेगा।

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किन डीजल वाहनों की अवधि बढ़ाई गई:

  1. गैर-प्रदूषणकारी वाहन: जिन डीजल वाहनों का प्रदूषण स्तर निर्धारित मानकों के भीतर है।
  2. फिटनेस प्रमाणित वाहन: केवल वे वाहन जिनके पास फिटनेस सर्टिफिकेट है।
  3. ग्रामीण एवं गैर-शहरी क्षेत्रों के वाहन: जिन वाहनों का उपयोग मुख्य रूप से ग्रामीण या गैर-प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों में होता है।
  4. व्यावसायिक वाहन: जैसे बस, ट्रक, टैक्सी, जो व्यावसायिक उपयोग के लिए जरूरी हैं और प्रदूषण नियंत्रण में रहते हैं।
  5. मॉडिफाइड वाहन: जिन वाहनों को BS6 तकनीक के करीब मॉडिफाई किया गया है।
  6. दिल्ली-NCR क्षेत्र के बाहर के वाहन: जहां प्रदूषण नियंत्रण संबंधी सख्त नियम लागू नहीं हैं।

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